आतंरिक उपचार के साथ-साथ सामाजिक व्यवस्था को समझना और उसमें बदलाव लाने के लिए विधिक ज्ञान आवश्यक है: विष्णुप्रिया सिंह

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चंडीगढ़:–SPOT LIGHT 24

महज 25 वर्ष की उम्र में विष्णुप्रिया सिंह ने अपने व्यक्तित्व और कार्यों से यह साबित कर दिया है कि ज्ञान और दृष्टिकोण उम्र का मोहताज नहीं होता। वे एक साथ लेखिका, राजनीतिक विश्लेषक, अंकशास्त्री और अब विधि की छात्रा हैं। उनके विचारों में जो गहराई है, वह न सिर्फ उन्हें अलग बनाती है बल्कि नई पीढ़ी को सोचने के लिए प्रेरित भी करती है।लेखन के क्षेत्र में उनका प्रवेश किसी कल्पनालोक से नहीं, बल्कि जीवन की कड़वी सच्चाइयों से हुआ। मानवीय भावनाओं, सामाजिक असमानताओं और आंतरिक उपचार जैसे विषयों पर उन्होंने गहन चिंतन किया है। उनकी लिखी एक पुस्तक पर आधारित फिल्म द हंड्रेड बक्स इस बात का प्रमाण है कि उनके विचारों ने समाज को झकझोरा है।राजनीति पर उनकी पकड़ सिर्फ सैद्धांतिक नहीं, बल्कि संवेदनशील और व्यावहारिक भी है। वे मानती हैं कि राजनीति सिर्फ सत्ता का खेल नहीं, बल्कि आम आदमी के जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का निर्धारण करती है। उनकी राजनीतिक दृष्टि में भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सामाजिक सरोकार दोनों का मेल दिखाई देता है।जहां एक ओर वे समाज की समस्याओं को तर्क से समझती हैं, वहीं दूसरी ओर वे ऊर्जा और अनुभव के स्तर पर भी जीवन के रहस्यों को जानने की कोशिश करती हैं। अंकशास्त्र उनके लिए केवल एक रहस्यमय विद्या नहीं, बल्कि जीवन को समझने का एक वैज्ञानिक माध्यम है। चाहे करियर की दिशा हो या संबंधों की उलझनें — वे अंकों के ज़रिए गहराई से मार्गदर्शन करती हैं।अब वे विधि की पढ़ाई कर रही हैं, क्योंकि उनका मानना है कि आतंरिक उपचार के साथ-साथ सामाजिक व्यवस्था को समझना और उसमें बदलाव लाने के लिए विधिक ज्ञान आवश्यक है। उनका यह संतुलन — आत्मा की शांति और समाज की संरचना — उन्हें एक संपूर्ण चिंतक और मार्गदर्शक बनाता है।विष्णुप्रिया मानती हैं कि जीवन को एक ही दायरे में सीमित नहीं किया जाना चाहिए। कोई व्यक्ति एक साथ आध्यात्मिक भी हो सकता है और तार्किक भी, सशक्त भी और संवेदनशील भी। वे बहुआयामी जीवन की मिसाल हैं, जहां हर पहलू एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।भविष्य की बात करें तो वे स्वयं को केवल एक व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि एक आंदोलन, एक मंच या एक विचार-संस्थान के रूप में देखती हैं — ऐसा स्थान जहाँ भावना, ऊर्जा और बुद्धि एक साथ विकसित हो सकें। उनका उद्देश्य सिर्फ खुद को आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि औरों को भी उनकी जागरूकता के साथ जोड़ना है।विष्णुप्रिया सिंह आज के समय की उस युवा शक्ति की प्रतीक हैं, जो न केवल सपने देखती है, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने का साहस भी रखती है।