भगवान राधा-माधव और श्री चैतन्य महाप्रभु रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले तो हरि बोल, हरे कृष्णा, राधे-राधे से गूंजा शहर                                      

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                                                                                चण्डीगढ़SPOT LIGHT 24)सेक्टर-20 स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ में 55वें वार्षिक धर्म सम्मेलन के समापन पर भगवान राधा-माधव और श्री चैतन्य महाप्रभु रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। भक्तजनों ने शहर के विभिन्न सेक्टरों के बाजारों के सामने से रथ को पैदल-पैदल खींच कर भ्रमण कराया। उनमें रथ की रस्सी को खींचने में होड़ मची हुई थी।  मठ चंडीगढ़ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के अध्यक्ष त्रिदंडी स्वामी श्री भक्ति विचार विष्णु जी महाराज जी के नेतृत्व में विशाल रथ यात्रा निकाली गई। भगवान श्री श्री चैतन्य महाप्रभु एवं श्री श्री राधा माधव जी दोपहर बाद रंग बिरंगे फूलों से सुसज्जित रथ पर सवार होकर मठ मंदिर से नगर भ्रमण को निकले। रथ पर सवार होने से पहले शंख की ध्वनि की गई व 21 महिलाओं ने थालियों में देसी घी के दीपक सजाकर उनकी आरती उतारी एवं बैंड-बाजे के साथ उनको रथ पर विराजमान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीजेपी चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष, जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया। भक्ति विचार विष्णु जी महाराज जी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 55 बरसों से आयोजित की जा रही इस यात्रा में भक्तों की भागीदारी प्रत्येक वर्ष बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि भगवान के रथ के दर्शन करने मात्र से घर में सुख-शांति आती है एवं दुख-क्लेशों का नाश होता है और भगवान की भक्ति प्राप्त होती है। भगवान के रथ की रस्सी को खींचने से भगवान आपकी जीवन की डोर के सारथी बन जाते हैं। भारी संख्या में उपस्थित भक्त जनों में अति उत्साह उमंग जोश का संचार हुआ था। रथ यात्रा में भाग लेने वाले भक्तजन नई-नई पोशाकें पहन कर आए थे। पूरे रास्ते भक्तजन हरे कृष्णा ,राधे राधे ,हरि बोल के जयकारे लगाते रहे व जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। सेक्टर 20 से चलकर 21 सेक्टर मार्केट, अरोमा चौक सेक्टर 22, बस स्टैंड, सेक्टर 18 मार्किट व सेक्टर 19 मार्केट होते हुए वापस मठ मंदिर रथ यात्रा पहुंची। रास्ते में जगह-जगह पर लोगों ने स्वागत करने के लिए स्टॉल लगाए हुए थे और भक्तों के लिए ठंडा जल, मिठाइयां, फल आदी का प्रबंध किया हुआ था। लोगों ने रथ को कई जगह रोक कर भगवान की आरती उतारी और रथ के ऊपर पुष्प वर्षा भी की गई। मठ मंदिर वापस रथ यात्रा के पहुंचने के बाद हजारों लोगों के लिए भंडारा प्रसाद का प्रबंध किया गया था।