SPOT LIGHT 24
राष्ट्रीय
रिपोर्ट -गौरीशंकर
खुद को मेहनत और संघर्ष के दम पर स्थापित करने वाली चर्चित समाज सेविका सुमन सोनी जी
बिहार प्रदेश के भागलपुर जिला में सुमन सोनी जी को देखकर लगता है, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण ये ;बहुचर्चित समाज सेविका बिहार प्रदेश में सबसे अच्छी सेवाएँ प्रदान कर रही है ।
अक्सर कहा जाता है ‘एक बिहारी सब पर भारी’. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार प्रदेश की चर्चित समाज सेविका सुमन सोनी जी ने।
हरियाणा (करनाल) 3 जनवरी 18 को पहला सम्मान इन्हें इनकी निःस्वार्थ सेवाभाव के लिए फेसबुक से चुना गया और इनको निमंत्रण पत्र आया फिर क्या था इनकी हर छेत्र की प्रतिभा को पर लगता गया और सम्मान की मालकिन बनती चल गई जो रुकने का नाम ही नही ले रही।
पद- सुमन सोनी,
प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रान्त शिक्षिका प्रमुख
बिहार प्रदेश प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ बिहार पटना।
कई नेशनल ,इंटर नेशनल कवियों के साथ अपना कविता पाठ कई राज्यो में मंच साझा कर चुकी है।
इनकी कविता कई मैगजीन और अखबारों में निकल चुके है और कविता पाठ के लिए इन्हें जयपुर में बेस्ट कवियत्री के रूप में मोमेंटो और प्रसस्त्री पत्र से संम्मानित भी किया गया है ।
और साथ मे कवियत्री भी
अब नजर डालते हैं इनकी विशेषताओं पर – – –
1.वेतन का पांच प्रतिशत करती हैं गरीबों को दान।
सुमन सोनी जी माँ और मइया के नाम से भी प्रसिद्ध है। कई बच्चे इन्हें इन नामो से ही पुकारते है कारण ये प्रत्येक बच्चो को अपना ही बच्चा समझ के स्नेह करती है ।
2.गीत गजलों से देती है समाज को सही दिशा। बुजुर्गो और बच्चो के सेवा के प्रति इनकी सेवाभाव देखते बनती है
न समय ,न पैसा कुछ नही देखती इनकी सेवाकाल में।
3.राजनीति से है दूरी, बिना किसी संस्था से जुड़े करती हैं खुद से समाज सेवा।
घर,परिवार,स्कूल,समाज के बच्चे,बच्चियों को हमेशा पढ़ाई के साथ नैतिकता का पाठ पढ़ाना ये अपना कर्तव्य मानती है।
4.एम्पोवेर्ड वीमेंस अवार्ड से भी हो चुकी है सम्मानित, अब तक देश के विभिन्न राज्यो में 100 से ऊपर नेशनल अवॉर्डों नवाजी जा चुकी और कई राज्यो में गेस्ट ऑफ ऑनर बुलाई जा चुकी।
5.आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है सुनम सोनी। पशु ,पक्षी,जानवर से अटूट स्नेह रखती है खास कर बीमार पशु पक्षियों से।
6.अपने दम पर हासिल की मुकाम। और ये एक अच्छी चित्रकारिता भी है इन्होंने अजमेर जैसे कई राज्यो में कई अवार्ड इस छेत्र में भी उठाए है।
7.बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं सुमन सोनी। ये कुशल कामकाजी महिला के साथ-साथ कुशल गृहिणी भी है।जो सदा दुसरो के लिए प्रेरणादायक रहता है।
बिहार प्रदेश की चर्चित समाज सेविका को हाल ही हरियाणा के करनाल में 3 जनवरी 2019 को प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति ने देश की पहली महिला शिक्षक जयंती सम्मान से नवाजा। जिसको लेकर प्राथमिक शिक्षकसंघ भागलपुर में हर्ष- उल्लास का माहौल बना तथा संजीव यादव जी ने शुभकामनाएँ दी ।
बार- बार नया प्रयोग
शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने खुद से एवं स्कूली बच्चों द्वारा लगातार प्रयोग किया गया ।
इस मौके की ख़ास बात यह थी की
स्वच्छता अभियान में कारगर भूमिका निभाने वाली सुमन सोनी भागलपुर निवासी अनेको बार स्थानीय चैनलों व न्यूज पेपर द्वारा अपनी भूमिका में स्वच्छता का संदेश देती नजर आती रहती है ।
ये सारे गुण सोनी जी ने अपने परिवार और माता पिता से मिले संस्कारो से पाया ऐसा इनका मानना है।
और यही बजह है कि सोनी जी इस दुनिया मे सबसे पहले अपने परिवार को प्राथमिकता देती है ।क्योंकि इनका कहना है कि अगर परिवार में सुख शांति है तो पूरे जग में शांति नजर आएगी ।
अनेकों अनाथ बच्चे एवं लचार बुजुर्गों की प्रेरणा स्रोत – –सुमन सोनी
अनजान बूढ़ी माता जिसका की कई महीनों से सेवा कर अंतिम यात्रा में भी कंधा दे घाट पहचाना ये …..
बदले में असीम आशीर्वाद लेने ही इनकी होवी है।
यदि कोई व्यक्ति सुमन सोनी जी से यह प्रश्न पूछे कि उन्हें ऐसा ज्ञान कैसे प्राप्त हुआ -निजी अनुसंधान से, दिव्य प्रेरणा से या जीवन से सीखे गए पाठों से ।
तो सुमन सोनी जी अपनी उंगली से ऊपर की ओर इशारा कर कहेंगी कि यह ज्ञान-सागर परमात्मा की देन है। आगे पूछने पर वे बतायेंगी कि उनके मन में उठने वाले प्रश्नों का समाधान उन्हें गुरुओं से, शास्त्रों से या भक्ति से उन्हें ऐसी समझ प्राप्त हुई ।
सुमन सोनी जी अल्प आयु से ही ईश्वर से गहरा प्रेम करती थीं। उन्होंने बाल अवस्था से ही सत्य की खोज शुरू कर दी थी।बचपन से ही सोनी जी को स्वच्छता से प्यार हो गया था।
जब सुमन सोनी जी प्राथमिक विद्यालय में एक दिन उद्यान में भ्रमण करते हुए बच्चों से मिली। उस समय बच्चों के प्रति उनके जीवन में दिव्य परिवर्तन आ चुका था।बच्चों को देख कर मन में एक तेज प्रकाश संकल्प रूपी उत्पन्न हो रहा था।सुमन सोनी जी उन्हें देखते ही समझ गई कि किसी विशेष सेवा के लिए प्रस्तुत होना होगा ,जो समय आने पर इन स्कूली बच्चों को आत्म- बल के रूप में सक्षम बनाना होगा। जिसके लिए सुमंत सोनी जी ने स्वच्छता को माध्यम बनाया तथा वो ईश्वर द्वारा प्रदत्त सत्य ज्ञान का अपने शब्दों, प्रकंपनों व कर्मों के द्वारा आदान- प्रदान करते रहे।
पिछले लंबे वर्षों से भी अधिक समय से सोनी जी का बच्चों से इतना गहरा संबंध हो गया कि वो निरंतर स्वच्छ युक्त रहती हैं ।
Gauri Shankar Singh