SPOT LIGHT 24
बागपत
रिपोर्ट- सुरेन्द्र मलानिया
वर्ष 2014 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर डॉ सत्यपाल सिंह द्वारा की गई घोषणाओं में अभी तक एक भी पूरी नहीं हुई है।
इनमें एक घोषणा ऐसी भी है, जो पूर्णता एक जुमला साबित हुई है। उन्होंने चुनावी अभियान में लोगों से यह वायदा किया था कि जनपद बागपत में जल्द ही सैनिक स्कूल की स्थापना कराई जाएगी, लेकिन आज पांच साल का कार्यकाल पूरा होने को है। चुनाव आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है। उसके बाद भी आज तक सैनिक स्कूल की स्थापना तो दूर की बात है, प्रस्ताव तक भी पास नही किया गया। कारण चाहे जो भी हो, लेकिन जनपद का मतदाता खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। ऐसा नहीं कि सरकार में सांसद जी को कोई महत्व न दिया गया हो, सांसद जी आज केंद्र सरकार में एचआरडी मंत्रालय का कार्यभार देख रहे हैं। उसके बाद भी सैनिक स्कूल का नामोनिशान कहीं नजर नहीं आता। उन्होंने कहा था कि जनपद में सैनिक स्कूल की स्थापना करा कर क्षेत्र के बच्चों को सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए मेरठ या किसी अन्य शहर में नहीं जाना होगा। जनपद में ही आपको यह सुविधा दिलाई जाएगी। इसी से प्रभावित होकर बागपत लोकसभा के मतदाताओं ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह के सर सेहरा बांधा था।लेकिन आज उनके पास जनपद बागपत में कराए गए विकास कार्यों में से एक भी ऐसा नहीं जिसके नाम पर वह आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट मांग सकें। वह अपने कुछ चहते लोगो को छोड़कर आम मतदाता से दूर होते चले गए, जिसका खामियाजा उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। उधर विपक्ष एकजुट होकर लोकसभा चुनाव में बागपत से रालोद प्रत्याशी को दमदार तरीके से चुनाव लडायगा, जिसके चौकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं। दबी जुबान से भाजपा के एक कार्यकर्ता ने बताया कि संगठन के लोग भी सांसद जी से नाराज चल रहे हैं। कुल मिलाकर सांसद जी का आने वाला चुनाव आसान नजर नहीं आ रहा है। एक कार्यकर्ता ने तो यहां तक कहा कि हो सकता है सांसद जी का टिकट काटकर किसी और को यहाँ से मौका दे दिया जाए। हाईकमान जिसे चाहे लड़ाए, लेकिन यह भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है।