SPOT LIGHT 24
KANPUR
report -Hariom Gupta
➡️लगातार शिकायतों के बाद भी जिलाविधालय निरीक्षण कार्यालय नही कर रहा कार्यवाही, हो रही खाना पूर्ति।
➡️जांच के लिए उपनिरीक्षक संस्कृत पाठशालये कार्यालय स0शि0 निदेशक को किया गया था जांच के लिए नियुक्त, तीन दिन में आख्या उपलब्ध कराने के दिये गये थे आदेश।
➡️सालों ने हो रही जांच, नही प्रस्तुत की गयी जांच आख्या, गुण-दोष के आधार पर लगातार कार्यवाही का दिया जा रहा आश्वासन
कानपुर नगर, सरकारी शिक्षा तंत्र कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। शहर में शिक्षाको आय का माध्यम बनाये सैकडों मानको के विपरीत विधालय संचालित किए जा रहे है। नगर में ऐसे विधालयों का मकडजाल फैला हुआ है और विभाग आंखबंद किये हुए है। इसी प्रकार एक फर्जी रूप से वर्षो से महज कागजों पर चल रहे संस्कृत विधालय की आज तक जांच पूरी नही हो सकी है या जान-बूझकर की नही जा रही है। दूसरी तरफ शिकायतकर्ता को सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। जांच अधिकारी विभाग को गुमराह करते हुए जांच के नाम पर मामले को लटका रहा है। सारा खेल पैसे का है। आखिर क्या कारण है कि जांच अधिकारी द्वारा लगातार गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की बात कही जा रही है, जबकि जिस पते पर विधालय है वहां मकान बना है और लोग निवास कर रहे है। संस्कृत विधालय का दूर-दूर तक कोई अता-पता नही है।
श्री तिवारी वैदिक आदर्श संस्कृत महाविधालय 6/39, रानीघाट, पुराना कानपुर को महाविधालय के अध्यक्ष व संचालन देवी प्रसाद तिवारी द्वारा फर्जी रूप से महज कागजों पर संचालित किया जा रहा है। निमयो के विरूद्ध महाविधालय प्रबन्ध समिति में एक ही परिवार के सदस्यों को प्रबन्धक, मंत्री, ज्वाइंटसेके्रट्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सदस्य, प्राचार्य पदेन बना दिया गया। जबकि सत्यता यह है कि उक्त पते पर कोई संस्कृत विधालय है ही नही, यहां मकान बना है और लोग निवास कर रहें है। इस सम्बन्ध में सरस्वती देवी शुक्ला द्वारा जिला विधालय निरीक्षक से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायत पत्र दिया जा चुका है, शिकायती पोर्टल पर भी शिकायत की गयी, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही व जांच पूरी नही हुई है। शिकायत के साथ जिला विधालय निरीक्षक तथा शिक्षामंत्री उ0प्र0 से फर्जी कागजों पर चल रहे विधालय को खारिज किये जाने की मांग की गयीथे लेकिन शहर के माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकरियों और विधालय संचालक की सांठ-गांठ से आज तक कोई कार्यवाही नही हुई है। पहले विभाग द्वारा जांचकर्ता प्रधानाचार्य रा0उ0मा0 विधालय खेरसा, विधनू को बनाया गया लेकिन उनके द्वारा जांच नही की गयी और संस्कृत विधालय संचालक से मिलकर विभाग को असत्य रिपोर्ट देकर गुमराह किया गया, इसके उपरांत दूसरा जांच अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता उपनिरीक्षक, संस्कृत पाठशालाये कार्यालय संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मण्डल को नियुक्त किया गया लेकिन बावजूद उसके आज तक कोई जांच पूरी नही हुई। सूत्रो की माने संस्कृत विधालय संचालक देवी प्रसाद तिवारी एक राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध रखता है और एक बडे नेता जिसका नगर में एक बडा स्कूल है उसकी क्षत्रछाया में फर्जी रूप से कई वर्षो से कागजों पर संस्कृत विधालय संचालित कर रहा है। सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण कार्यवाही दूर की बात अभी तक जांच इमानदारी से नही की जा रही है और कागजों पर चल रहे फर्जी संस्कृत विधालय के नाम से निजी स्वार्थो को पूरा किया जा रहा है।
एक ही परिवार के सदस्य प्रबन्ध समिति में
पुराना कानपुर, रानीघाट में चल रहे कांगजो पर संस्कृत महाविधालय की प्रबन्ध समिति भी मानको के विपरीत है, जबकि नियम है कि किसी भी समिति के प्रबन्धन में एक ही परिवार के सदस्य नही हो सकते। प्रबन्ध समिति में अनुमोदित चयन प्रक्रिया के अनुसार पदवार सदसयों में अध्यक्ष देवी प्रसाद तिवारी, प्रबन्धक/मंत्री भागवत प्रसाद तिवारी, ज्वाइंटसेक्रेटरी कुश तिवारी, उपाध्यक्ष विनोद त्रिवेदी है वहीं कोषाध्यक्ष उज्जैन सिंह रघुवंशी, सदस्य श्रीकृष्ण केजरीवाॅल व प्राचार्य अवध बिहारी शुक्ल को बनाया गया है।