SPOT LIGHT 24
बदायूं
रिपोर्ट -इन्तजार हुसैन
आज पूर्वमंत्री आबिद रजा ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि मेरठ जिले में माननीय आजम खान (पूर्व कैबिनेट मंत्री) के नेतृत्व में मशवराती काउंसिल आफ इंडिया की महत्वपूर्ण मीटिंग की गई जिसमें उत्तर प्रदेश के लगभग 80 मुस्लिम जनप्रतिनिधि( विधायक ,पूर्व विधायक ,पूर्व मंत्री, सांसद, पूर्व सांसद ने हिस्सा लिया जिसमें आज के राजनैतिक हालातों को मद्देनजर रखते हुए कई प्रस्ताव मीटिंग में रखे गये जिसमें 8 प्रस्ताव मा० आजम खान की सहमति व सर्वसम्मति से पास किए गए जो निम्न है।
(1) हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधान सभा के चुनाव और उनका परिणाम इस ओर इशारा करता है कि मुल्क का सेक्युलर ताना बाना अभी महफूज़ है फ़िरक़ापरस्त ताक़तों की हार ने यह साबित कर दिया है की भारत के आम नागरिक शांति अमन व भाई चारे में विश्वास रखते है मशावरती काउन्सिल इन हालात पर इत्मीनान ज़ाहिर करती है ।
(2) मशावरती काउन्सिल प्रस्ताव पारित करती है कि विशेष रूप से पश्चिम बंगाल ,बिहार और उत्तर प्रदेश में सभी सेक्युलर /अर्ध सेक्युलर राजनीतिक दल फ़िरक़ा परस्त ताक़तों के विरुद्ध कार्य करें।
(3) हाल ही में सम्पन्न विधान सभा चुनाव में कुछ सेक्युलर/ अर्ध सेक्युलर दलों ने बड़ी तादाद में प्रत्याशी उतार कर फ़िरक़ापरस्त ताक़तों को चाहे/ अनचाहे तौर पर फायदा पहुचाने का काम किया है मशावरती काउन्सिल इसपर अपनी फिक्रमंदी और मायूसी का इज़हार करती है।
(4) मौजूदा हालात में कांग्रेस की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अति उत्साह में कोई ऐसा निर्णय / व्यवहार अन्य सेक्युलर राजनीतिक दलों के साथ न करे जो भविष्य में फ़िरक़ापरस्त ताक़तों को मजबूत करने का सबब बने। अगर कुछ चिन्हित दलों को कमज़ोर करने या अपमानित करने का इशारा मिला तो बड़े दलों को उनके द्वारा गुज़रे वक़्त में जहाँ जहाँ अक़्लीयतों को नुकसान पहुचाया गया है उन पुराने ज़ख्मों के ताजा हो जाने का अंदेशा है जिससे उन्हें बडा नुक़सान हो सकता है।
(5) आगामी लोक सभा चुनाव में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार ,उत्तर प्रदेश में सेक्युलर राजनीतिक दल अपने प्रत्याशी घोषित करने से पहले मशावरती काउन्सिल से मशवरा कर सकते है अन्यथा किसी भ्रष्ट ,चापलूस चरित्रहीन ,साम्प्रदायिक मानसिकता के किसी भी व्यक्ति को यदि टिकट दिया जाता है तो मशावरती काउन्सिल ऐसे प्रत्याशी का विरोध करने के लिए मजबूर होगी।
(6) मशावरती काउन्सिल ने यह प्रस्ताव पास किया कि समाजवादी पार्टी संरक्षक श्री मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव, समाजवादी सांसद श्रीमती डिंपल यादव तथा अन्य दलों के शीर्ष नेता किसी भी सीट से चुनाव लड़ते है तो मशावरती काउन्सिल उनका समर्थन करेगी । इसके अतिरिक्त कौंसिल का मानना है कि किसी भी क्षेत्र में दल बदलू व बाहरी व्यक्ति को टिकट न दे कर स्थानीय साफ सुथरी छवि के ही व्यक्ति को टिकट दिया जाए।
(7) वंचित शोषित व पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के बीच मे सामंजस व ताल मेल बनाया जाए तथा सभी कौंसिल के मेम्बरान इसको अपने क्षेत्रों में सुनिशिचत करे।
(8) यह तय पाया गया है कि कौंसिल की अगली बैठक 6 जनवरी २०१९ बरोज़ इतवार समय 11 बजे दिन में श्री शकील अहमद पूर्व अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश , के आवास वाराणसी में होगी।
बदायूँ ज़िले के राजनैतिक हालातो पर मैं कहना चाहता हूं कि देश को आजाद हुए लगभग 70 साल हो चुके हैं लेकिन सन 1980 के बाद यह बदायूं जिले की बदकिस्मती है 40 साल से बदायूं के सांसद बाहरी लोग( परदेसी) बन रहे हैं जो प्यार जज्बा आपके वतन वाले को बदायूं वालों से होगा वह बाहरी लोगों को हो ही नहीं सकता। परदेसी लोग आप से फर्जी प्यार दिखाकर आप का बोट को ठग रहे हैं (माननीय मुलायम सिंह यादव, माननीय अखिलेश यादव ,माननीय डिम्पल यादव जी को छोड़ कर) चूँकि यह पार्टी के शीर्ष नेता है । इन्हें छोड़कर किसी भी परदेसी को 2019 के लोकसभा के चुनाव में बदायूँ से पार्टी का टिकट न दिया जाए । बरना बदायूँ की जनता (हिंदू, मुसलमान किसान, गरीब, बेरोजगार ,मजलूम) ने यह फैसला कर लिया है कि 2019 का बदायूं लोकसभा चुनाव” देसी बनाम परदेसी “होगा क्योंकि आजाद मुल्क में 40 सालों से परदेसियों ने बदायूं को गुलाम बना रखा है अब हिंदू और मुसलमान दोनों मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में बदायूं को परदेसियों से आज़ाद कराएंगे।