तीन गांव की गरीब जनता को आठ महीने से राशन नहीं मिल रहा। अधिकारी कोटा चयन को टालकर आबंटित राशन की बंदरबांट में लगे

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ब्युरो चीफ -पंकज गुप्ता शाहजहांपुर

मीरानपुर कटरा। तीन गांव की गरीब जनता को आठ महीने से राशन नहीं मिल रहा। अधिकारी कोटा चयन को टालकर आबंटित राशन की बंदरबांट में लगे हैं। सरसवां, जगतियापुर और लोहरगढ़ी का कोटा ग्रामीणों की शिकायत पर आठ माह पहले निरस्त कर दिया गया। ग्रामीणों की मानें तो वैकल्पिक व्यवस्था में अटैचमेंट से आबंटित राशन ग्रामीणों के बजाय अधिकारियों के पेट में जा रहा है। अधिकांश गरीब परिवार तीनों गांव में हैं। सरकारी राशन न मिलने से उनके सामने भुखमरी की नौबत है। बंदरबांट के लोभ में अब तक नया कोटेदार नियुक्त नहीं किया गया। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद 20 फरवरी कोटा चयन के लिए तिथि निर्धारित कर खुली बैठक बुलाई गई लेकिन फिर इसे 25 फरवरी कर दिया गया। बैठक के लिए सहायक विकास अधिकारी कृषि रामऔतार को प्रेक्षक और सचिव मनीष कुमार व महेशकांत को नियुक्त किया गया। ग्राम प्रधान कांति देवी ने कोटा चयन के लिए निर्देशानुसार खुली बैठक आज बुलाई। सरसवा के प्राथमिक स्कूल में पांच सैकड़ा से भी अधिक पुरूष और महिलाएं नागरिक काम धंधा छोड़कर जुटे। अलबत्ता पांच बजे तक इंतजार के बाद भी चयन कराने वाले प्रेक्षक और अन्य कर्मी नहीं आए। ग्रामीण बेचारे मायूस लौटे। आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोप लगाया अधिकारी गरीबों का राशन बंदरबाट करने में लगे हैं। इसीलिए कोटेदार का चयन टाला जा रहा है। ग्राम प्रधान कांति देवी ने कहा ग्रामीणों को राशन नहीं मिल रहा है। खुली बैठक में प्रेक्षक और सचिव के न आने से कोटा चयन नहीं हो सका। प्रेक्षक नियुक्त किए गए सहायक विकास अधिकारी कृषि राम औतार ने बताया मुझे कोटा चयन की खुली बैठक का प्रेक्षक नियुक्त किए जाने की जानकारी नहीं है। आदेश मिलता तो पालन करता। बीडीओ नरेन्द्र कुमार ने बताया परीक्षा ड्यूटी में हूं।खुली बैठक की तिथि निश्चित कर कोटा चयन कराने की जिम्मेदारी दी गई है।