चर्चित दिव्या हत्याकांड के दोषियों को अजीवन कारावास की सजा

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SPOT LIGHT 24
रिर्पोट पंकज ब्यूरो चीफ
कानपुर

कोर्ट के फैसल के बाद मां व शहनवासियों को मिला दिली सकून

कानपुर नगर, इंसाफ के मंदिर से एक एसा फैसला आया जिससे माता-पिता को न्याय और सकून मिला साथ ही शहर वासियों ने भी इस फैसले की सराहना की। कानपुर के चर्चित दिव्या हत्याकांड में कोर्ट ने अपना ,फैसला सुनाया और मुख्य अभियुक्त पीयूष तथा भाई मुकेश को अजीवन करावास सी सजा सुनाई। इस मामले से जुड दो अन्य आरोपियों को रिहा कर दिया गया।
बताते चले कि आठ वर्ष पूर्व 27 सितंबर 2010 को दिव्या काण्ड हुआ था, जिसमें दिव्या के साथ उसके ही स्कूल में की गयी दरिंगदगी के कारण उसकी मौत हो गयी थी। घटना में कक्षा 7 में पढने वाली दिव्या जो ज्ञानस्थली सकूल रावतपुर में पढती थी उसे एक दिन गंभर हालत में स्कूल की आया घर के बाहर छोड गयी थी, दिव्या को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी। मामले की एफआईआर दर्ज करायी गयी लेकिन पुलिस मामले की लीपा-पोती में लग गयी, और मामले का ख्ुालासा करते हुए पडोस के ही एक युवक को जेल भेज दिया। स्कूल प्रबंधन को क्लीनचिट देने वाली पुलिस की रिपोर्ट उसके गले की फांस बन गयी। इस मामले में शहर जाग उठा और सैकडो शहरवासी, सामाजिक संस्थाओ के साथ सियासी संगठन सडक पर उतर आये थे। मामला तूल पकडता देख तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मामले की सीबीसीआइ्रडी जांच के आदेश दिये थे। जांच में स्कूल प्रबंधन को दोषी पाया गया तथा प्रबंधक चंद्रपाल व उसके दो बेटों मुकेश व पीयूष के साथ एक कर्मचारी संतोष को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद शहर भी आहत हुआ था और दिव्या की मां इंसाफ के मंदिर से इंसाफ की आस लगाये बैठी थी। पूरी प्रक्रिया में एक लंबा अरसा गुजर गया। लेकिन इंसाफ के मंदिर के भगवान का फैसला आते ही सभी के दिलों में सकून पहुंचा और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में एक मां कामयाब हो गयी।