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KANPUR
कानपुर नगर, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल सोमवार को शहर पहुंचे। शहर में वह 7.55 घंटे रहे। इस दौरान उन्होने विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी की। सर्वप्रथम उनका उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठजनो ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति सुबह 9.20 बजे चकेरी एयरपोर्ट पहुचें, जहां से वह सलेमपुर स्थिल बालाजी मंदिर गये जहां उन्होने दर्शन तथा पूजन किया। उसके उपरान्त वह ड्योढीघाट स्थित विपश्यान साधना केंद्र पहुंचे जहा। उन्होने विपश्याना साधाना केंद्र का शुभरंभ किया। उसके बाद वह फूलबाग स्थित उीएवी काॅलेज ग्राउंड पहुंचे, वहां पुलवामा हमले में हुए शहीदो को श्रद्धांजली अर्पित की तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया साथ ही उन्होने 28 छात्रों को सम्मानित किया।
इसके उपरान्त राष्ट्रपति बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे, जहां उन्होने आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन व वार्षिकोत्सव में अपने गुरूजनो को सम्मानित किया। यहां आयोजित कार्यक्रम सनातन धर्म विधालय, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन बालिका विधालय व बीएनएसडी इंटर काॅलेज के संयुक्त तत्वाधान में हुआ।
सलेमपुर बालाजी मंदिर में दर्शनो के साथ भारत माता प्रतिमा का किया अनावरण
कानपुर आये भारत के राष्ट्रपति सोमवार को सुबह चकेरी हवाई अड्डे पहुंचे, यहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी तथा प्रशासनिक अमले ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। इस दौरान उ0प्र0 के राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे। चकेरी एयरपोर्ट से पहले राष्ट्रपति को हेलीकाॅप्टर के जरिए महाराजपुर के सलेमपुर स्थित बालाली मंदिर पहुंचना था। कार्यक्रामें में हुए फेरबदल के चलते राष्ट्रपति हेलीकाॅप्टर की जगह सडक मार्ग से होते हुए बालाजी मंदिर पहुंचे। बाला जी मंदिर में उन्होने सबसे पहले बालाजी के दर्शन कर पूजन किया साथ ही भगवान श्रीराम व अन्य देवी-देवाओं का पूजन किया। इसके उपरान्त बालाजी मंदिर प्रांगण में राष्ट्रपति द्वारा भारत माता की प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस दौरान मंडल अध्यक्ष हरीश मखीजा, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र गुप्ता, मनोज सेंगर सहित 52 सदस्य राष्ट्रपति से मिले। राष्ट्रपति यहंा लगभग 25 मिनट तक रूके।
धम्म कल्याण विपश्यनाकेंद्र के पुरूष निवास ब्लाॅक का किया लोकार्पण
सलेमपुर बालाजी मंदिर में कार्यक्रम सम्पन्न होने के उपरान्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ड्योढी घाट विपश्यना साधाना केंद्र पहुंचे, यहां उन्होने धम्म कल्याण विपश्यना केंद्र के पुरूष निवास ब्लाॅक का उद्घाटन किया। उन्होने कहा जिस तरह भारत में योग का स्थान पूरे विश्व के मानचित्र पर लाया गया, ठीक उसकी प्रकार भारत की अनेको ध्यान पद्धतियों में से एक विपश्यना पद्धति अतंराष्ट्रीय पर छा रही है। कहा आज यहां कार्यक्रम में उनका आना कमिटमेंट था। राष्ट्रपति स्वयं विपश्यना पद्धति के काफी प्रशंसक है और उन्होने कानपुर में इसको विश्व कल्याण के लिए काफी उपयोगी बताया। वहीं म्यांमार का जिक्र करते हुए कहा राष्ट्रपति बनने के बाद उनका वहां जाना हुआ। वहां विपश्यना ध्यान पद्धति के प्रमुख प्रणेता सत्यनारायण गायेनका से मुलाकत हुई। उन्होने कहा जिसे स्वेडा में पगौडा देखने को मिले उसे जरूर देखे। कहा 18 वर्ष पूर्व उन्हे इस पद्धति से जुडने का आवसर मिला, यह बहुत आकर्षित करने वाली और अच्दी पद्धति है। उन्होेन यहां अपना सम्बोधिन समाप्त करने से पूर्व कहा कि डयोढी घाट महाराजपुर के इस विपश्यना केंद्र को गंगा नदी के समीप बेहद रमणीक स्थल और वातावरण के बीच बनाया गया है। इसकी कुछ विशेषता है। कहा आप सभी अनुभव से इसका लाभ ले सकते है यह पूरे विश्व के कल्याण के लिए उपयुक्त होगा।
डीएवी ग्राउंड पहुंचकर दी शहीदों को श्रृद्धांजलि,
तय कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डीएवी शताब्दी समारोह में पहुंचे। यहां उन्होने सबसे पहले पुलवामा आतंकी हमले में शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि जवानो की शहादत को नमन करता हूं। पूरा देश शहीद के परिजनो के साथ है। राष्ट्रपति बोले आज का समय टेक्नोलाॅजी का है। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होगा। भारत को इन्ही क्षेत्रों में खुद को विकसति करने की आवश्यकता है। इससे पूर्व राष्ट्रपति ने डीएवी काॅलेज में भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया तथा उन्होने कहा कि सिर्फ शिक्षण संस्थाएं ही गरीबी, अराजकता, नस्लवाद तथा आतंकवाद रहित भारत दे सकती है। राष्ट्रपति के साथ मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद डाक्टर मुरली मनोहर जोशी और औधोगिक मंत्री सतीश महाना ने पूर्व पीएम अटल बिहारी की प्रतिमा का अनावरण किया। राष्ट्रपति ने कहा शिक्षण संस्थायें ही भारत को बदलने में अहम भूमिका अदा कर सकती है। कहा शिक्षण संस्थाये ऐसा भारत बनाने में योगदान कर सकती है जहां पर गरीबी, आतंकवाद, नक्सलवाद या किसी तरह की अराजकता न हो साथ ही उन्होने आर्य समाज की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्य समाज ने तमाम क्रांतिकारियों को जन्म दिया। आर्य समाज ने समाज में जागरण तथा दश के स्वाधीनता संघर्ष के दौरान क्रंातिकारियों की फौज खडी करने का काम किया। कहा स्वामी दयानन्द सरस्वती ने 1874 में भारत में समाज सुधार के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी। स्वामी दयानन्द सरस्वती के आदर्श का समाज बनाने के लिए ही डीएवी कालेजों की स्थापना हुई। कहा इस इस गौरवशाली अवसर पर आयोेजित समारोह में शामिल होकर प्रसन्न है। इस अवसर पर मंच पर राष्ट्रपति के साथ उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, औधागिक विकास मंत्री सतीश महाना, सांसद डा0 मुरली मनोहर जोशी, सचिव डा0 नागेन्द्र स्वरूप, कुमकुम स्वरूप, गौरवेंद्र स्वरूप व डीएवी काॅलेज के प्रचार्य डा0 अमित श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
अटलजी की प्रतिमा का किया अनावरण
डीएवी काॅलेज के शताब्दी वर्ष समारोह में राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का नावरण किया साथ ही शहीद प्रदीप यादव की पुत्री सुप्रिया यादव को एक साल की स्कूल फीस 60 हजार का चेक प्रदान किया वहीं संस्थान के सचिव डा0 नागेन्द्र स्वरूपा द्वारा राष्ट्रपति को उनकी पढाई का रिकाॅड सौंपा गया तथा काॅलेज में बनने वाले सेंटर फाॅर एक्सीलेंस के अलावा अटल शोध केंद्र, सभागार व अटल द्वार के विषय में भी बताया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कर्नल हरविंदर सिंह को वीरेंद्र स्वरूप पदक, दीपक कुमार को जगेंद्र स्वरूप स्वर्ण पदक, मारिया जबीं को धार रानी स्वर्ण पदक, प्रताप सिंह को वीरेंद्र स्वरूप स्वर्ण पदक, मोहम्मद उमर हयात को धारा रानी रजत पदक, तन्मय श्रीवासतव को जगेंद्र स्वरूप रजत पदक, एनसीसी के छात्र प्रताप ंिसह सचान व अर्जुन पाण्डेंय को स्वर्ण पदक, मुदित चतुर्वेदी, मृत्युजंय सिंह, सानू सिंह, अजेंद्र पताप सिंह को रजत पदक से सम्मानित किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने अपने कुछ स्मृतियो को ताजा करते हुए कहा कि यहां उनकी एलएलबी की शिक्षा वर्ष 1965 से शुरू हुई, बहुत अच्दा समय था वह लेकिन बहुत जल्दी बीत गया। उन्होने कहा परीक्षा के दिनो में हम कुछ छात्र ग्रीन पार्क का भी उपयोग करते थे लेकिन क्रिकेट खेलने के लिए बल्कि अध्ययन के लिए।
मुख्यमंत्री ने किया पुस्तिका का विमोचन
कार्यक्रम से पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएवी काॅलेज की पुस्तिकाका विमोचन किया साथ ही एक पुस्तिका राष्ट्रपति को भी भेंट की। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि जैसे एक पिता को अपनी संतान, एक गुरू को अपने शिष्य के आगे बढने पर प्रसन्नता होती है, वैसे ही डीएवी काॅलेज के लिए यह खुशी की बात है कि राष्ट्रपति यहंा पढे, देश के प्रधानमंत्री यहां पढे। उन्होने कहा कि जिस पतरह गुरू शिष्य की सफलता पर प्रसन्न होते है ठीक वैसा ही क्षण आज डीएवी कालेज के दिखायी दे रहा है, यहां के छात्र संस्थान और शिक्षक के साथ देश का गौरव बढा रहे है और इसके लिए उन्होने राष्ट्रपित का अभिनन्दन किया। उन्होने कहा डीएवी कालेज से उनका भी सम्बनध है क्योंकि इसी संस्थान के अटल बिहारी जी भी छात्र रहे और इसलिए अटल जी की स्मृति में यहां सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।